बीड़ी उद्योग का महत्व पूर्ण केंद्र जबलपुर है। इमारती लकड़ी चीरना प्रदेश का महत्वपूर्ण उद्योग है। इसका सबसे महत्वपूर्ण केंद्र जबलपुर है। इसके अतिरिक्त छिंदवाड़ा तथा मंडला में भी लकड़ी चीरने के कारखाने हैं। खैर वृक्ष की लकड़ी से कत्था बनाने का कारखाना शिवपुरी में तथा दूसरा मुरैना जिले के बानमोर में है।
इटारसी में चिपबोर्ड व पार्टिकल बोर्ड बनाने का कारखाना है। ग्वालियर में दिया सलाई के डिब्बे बनाने का कारखाना है। सूती कपड़ा उत्पादन की दृष्टि से मध्य प्रदेश का स्थान महाराष्ट्र और गुजरात के बाद तीसरा है। इन 28 मिलों में से नौ इंदौर में, पांच उज्जैन में, तीन ग्वालियर में, दो बुरहानपुर तथा एक भोपाल, देवास, मंदसौर, रतलाम, खंडवा सनावद आदि में है।
नाम | शहर |
सूती कपड़ा उद्योग | इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, देवास, बुरहानपुर, सनावद, मंदसौर, रतलाम, भोपाल, खंडवा आदि। |
रेयान शिल्क उद्योग | नागदा, इंदौर, ग्वालियर |
क्रेमपाई यार्न | देवास |
सिंथेटिक्स यार्न | उज्जैन |
सोडी यार्न | देवास |
फायर विकेट फैक्ट्री | जबलपुर, कटनी |
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री | कटनी |
गन कोज फैक्ट्री | जबलपुर |
कागज मिल | अमलाई, नेपानगर |
जूट मिल्स | राजगढ़ |
सीमेंट फैक्ट्री | बामोर, सतना, कैमूर, जामुर, शिल्टा |
चमड़ा उद्योग | देवास |
ड्राइ बैटरी, भेल कारखाना | भोपाल |
मिनी स्टील प्लांट | इंदौर, रतलाम, देवास, जबलपुर |
सल्फ्यूरिक एसिड | नागदा, कुम्हारी |
कीटनाशक दवाई, रेल कोच फैक्ट्री | भोपाल |
बिस्कुट फैक्ट्री | ग्वालियर |
स्टील कास्टिंग फाउंड्री एवं रोलिंग मिल | देवास, बांगरोद, ग्वालियर, भिलाई, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, शाजापुर |
टेक्सटाइल मशीनरी | ग्वालियर |
विद्युत चालित पंप | देवास |
कृषि एवं बैंक नोट प्रेस | देवास, होशंगाबाद |
एसबेस्टस सीमेंट फैक्ट्री | कैमूर |
कोयला खान इंडस्ट्रीज | छिंदवाड़ा, शहडोल, सिद्धि, बेतूल |
शक्कर मिल | डबरा. सीहोर, कैलारस, जावरा, बालोद, |
मैदा मिल | इंदौर, भोपाल, गजबासौदा |
हेवी इलेक्ट्रिकल्स इंडस्ट्रीज बायोटेक | भोपाल |
शासकीय डाक तार वर्क शॉप, आयुध कारखाना | जबलपुर |
इंजन वाल्व | भोपाल |
ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड | भोपाल ( मंडी दीप) |
एल्कोहल | रतलाम |
ट्रांसमिशन हाव्र्श , फूड प्रोसेसिंग | जबलपुर |
मोपेड इकाई | ग्वालियर |
प्ले राउंड, फूड प्रोसेसिंग | इंदौर |
अल्कोहल फैक्ट्री | नीमच |
रेलवे स्लीपर | बानखेड़ी ( दूधिया) |
ग्लू और जिलेटिन | भोपाल, जबलपुर, इंदौर |
प्लास्टिक के | इंदौर |
सटा बोर्ड तथा कागज इकाई | अमलाई, उमरिया, भोपाल, सीहोर, विदिशा |
पार्टिकल शंकर बोर्ड इकाई | इटारसी, भोपाल |
वर्तमान में कृत्रिम रेशे का एक बड़ा बनाने के कारखाने इंदौर ग्वालियर व नागदा में है। प्रदेश में भोपाल शुगर मिल्स सीहोर, डबरा शुगर मिल्स लिमिटेड डबरा (ग्वालियर), जीवाजीराव शुगर कंपनी लिमिटेड दौलोद (मंदसौर) सेठ गोविंद राम शुगर मिल्स महिदपुर रोड (उज्जैन) दावर शुगर मिल्स लिमिटेड जावरा (रतलाम), आदि में चीनी के कारखाने हैं।
मध्यप्रदेश में कुटीर उद्योग की प्राचीन परंपरा है। प्रदेश के प्रमुख कुटीर उद्योग कपड़ा बुनना, कपड़ा अच्छा बनाना, खजूर के पत्तों से विभिन्न वस्तुएं बनाना, सीसे, मोती तथा लाख के जेवर बनाना। हथकरघा के कपड़े का उद्योग चंदेरी, बुरहानपुर, जबलपुर में केंद्रित है। चंदेरी साड़ियां बनाने का प्रसिद्ध स्थान है। हीरो को तराशने तथा पॉलिश करने का उद्योग पन्ना में केंद्रित है। मध्य प्रदेश राज्य उद्योग निगम भोपाल में स्थित है। इसकी स्थापना सन 1669 में हुई थी। यह राज्य के सहकारी उद्योग का संचालन तो करता ही है इसके साथ ही संयुक्त क्षेत्र के उद्योग की स्थापना में भी यह सहायता प्रदान करता है।
भोपाल स्थित मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम की स्थापना सन 1965 में हुई थी। यह प्रदेश पड़े तथा मध्य श्रेणी के उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए उन्हें वित्तीय तकनीकी और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करता है।
मध्य प्रदेश में लघु उद्योग निगम भोपाल में स्थित है। इसकी स्थापना 1969 में हुई थी। लघु उद्योग में कच्चे माल की पूर्ति करना, उनके द्वारा उत्पादित माल का व्यापार करने में उन्हें सहायता करने के लिए की गई है। मध्य प्रदेश वित्त निगम इंदौर में स्थित है। इसकी स्थापना निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में स्थापित होने वाले उद्योगों का वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए की गई है। मध्यप्रदेश हस्तशिल्प मंडल का मुख्य कार्यालय भोपाल में स्थित है। इसकी स्थापना सन 1972 में हुई इसका उद्देश्य राज्य में हस्तशिल्प कला के विकास में सहयोग देना है। यह निगम कारीगरों और उनकी सहकारी समितियों को आर्थिक सहायता देता है। मध्य प्रदेश टैक्सटाइल कॉरपोरेशन की स्थापना सन 1970 में हुई। इसका मुख्यालय इंदौर में है। यह कॉर्पोरेशन प्रदेश की उन सूती कपड़े की मीलों का संचालन करता है। जिन्हें शासन ने अपने अधीन ले लिया।
मध्य प्रदेश एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन का मुख्यालय भोपाल में स्थित है। कृषि पर आधारित उद्योगों के विकास एवं उनकी सभी प्रकार की सहायता हेतु इस का गठन किया गया है। मध्य प्रदेश माइनिंग कॉर्पोरेशन का मुख्यालय भोपाल में है। यह बहुमूल्य खनिजों की खोज व उनके उत्खनन एवं व्यापार में सहायता करता है। मध्यप्रदेश में निर्यात निगम की स्थापना सन 1970 में की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे उद्योगों को माल के निर्यात की जानकारी देना और माल को एकत्रित कर निर्यात करना है। मध्य प्रदेश हैंडनालय संचालन निगम की स्थापना सन 1976 में की गई थी। हैंडलूम के अतिरिक्त पावरलूम औद्योगिक सहकारी समितियों की स्थापना करना, उनके लिए वित्त व्यवस्था करना है उनके विकास में यह निगम सहयोग देता है।
वर्ष 2016-17 में राज्य के कुल 14,704 स्थापित हाथकरघो में से लगभग 19,328 हाथकरघे कार्यशील रहे हैं। कार्यशील कर दो पर 11,070 लाख मी. का उत्पादन कर 45,000 बुनकर/कार्यक्रम को रोजगार समय से उपलब्ध करवाया गया है। वह 35,222 स्थापित हाथकरघो में से लगभग 20,004 हाथकरघे कार्यशील है। कार्यशील कर गांव में 5,208 रुपए लाख मूल्य के वस्त्रों का उत्पादन कार्य 45,000 बुनकर/कारीगरों को रोजगार समर्थन दिया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा लगभग 68 केंद्र चलाए जा रहे हैं। इसका प्रधान कार्यालय भोपाल में है।
राज्य शासन के उद्योग विभाग द्वारा इंदौर में परीक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य लघु उद्योगों के द्वारा निर्मित माल के स्तर को ऊंचा उठाना है। नाम मात्र का शुल्क भुगतान कर इस केंद्र पर लाए गए नमूनों का परीक्षण किया जाता है। भारत में तोता विश्व व्यापार केंद्र भोपाल में स्थापित किया गया है। मध्य प्रदेश विद्युत निगम द्वारा स्थापित इस केंद्र का उद्घाटन 9 दिसंबर 1977 को उद्योग मंत्री ने किया था। दूरसंचार प्रणालियों के लिए ऑप्टिकल फाइबर का उत्पादन करने वाला यह देश का पहला राज्य है।
पीथमपुर में एयर कार्गो कंपलेक्स, इंडो जर्मन टूल कम और अदृश्य कंटेनर डिपो स्थापित किए जा रहे हैं। वन मंत्री सरताज सिंह ने 2 दिसंबर 2012 को खरगोन में नीम खली सेंटर का शुभारंभ किया। आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख श्री कुमार मंगलम बिरला ने मध्यप्रदेश को मदद स्टेट बताते हुए कहा कि प्रदेश में अब ₹20,000 करोड़ का निवेश होगा। जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा।
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