1000 जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव को सड़क द्वारा बड़े शहरों से 1991 तक जोड़ दिया गया। आगरा मुंबई राजमार्ग मध्य प्रदेश से गुजरने वाले राजमार्गों में सर्वाधिक लंबा है। सबसे छोटा राजमार्ग मंगवान इलाहाबाद राजमार्ग है। प्रथम हाईवे एक्सप्रेस मार्ग इंदौर भोपाल है। यह विश्व बैंक के सहयोग से बन रहा है। जनवरी 2018 तक प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा संधारित सड़कों की कुल लंबाई 64,719 किमी है।
मध्य प्रदेश आर्थिक समीक्षा 2017 और 2018 के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य से गुजरने वाले 46 राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 7806 किमी है। जिस की सर्वाधिक लंबाई ( 717 कि मी) आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग की है। वाराणसी कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 511 किमी है। यह प्रदेश से गुजरने वाला दूसरा लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। प्रदेश के बड़े बड़े नगरों को सड़कों से जोड़ने वाली सड़कों को प्रांतीय राजमार्ग कहते हैं। इनकी देखभाल व निर्माण का कार्य राज्य सरकार के अधीन है। प्रदेश मैं जनवरी 2018 तक है 11389 किमी लंबा प्रांतीय राजमार्ग है।
31 मार्च 2017 तक मध्यप्रदेश में रेल मार्ग की कुल लंबाई 5113 किमी है। नए रेलवे जोन मध्यम पश्चिम रेलवे मुख्यालय जबलपुर में है। इससे संबंधित मंडल है- जबलपुर, भोपाल, कोटा।
दिल्ली- मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (DMIC) राज्य के 10 जिलों से गुजरता है। जो उच्च गति से भारत के बंदरगाहों तथा उत्तरी और पश्चिमी बाजारों तक पहुंच बढ़ाता है।
मध्य प्रदेश में 10 हवाई अड्डे हैं, जो भोपाल, इंदौर, खुजराहो, जबलपुर, पंचमढ़ी, सतना, पन्ना, नागदा और ग्वालियर में स्थित है। राज्य में वायुदूत सेवाएं भोपाल, खुजराहो, सतना, गुना, इंदौर और जबलपुर से उपलब्ध है। राज्य के हवाई अड्डों से दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, नागपुर को वायु सेवा उपलब्ध है। वायु सेवाएं भोपाल से जयपुर नागपुर के मध्य चलती है।
मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल 1962 परित्यक्ता मंडल का गठन कर संचार सेवाओं के क्षेत्र में शुरुआती कदम उठाया गया था। आरमोल का मुख्यालय नागपुर में स्थापित किया गया था जिसे 1 जुलाई, 1965 को भोपाल में स्थानांतरित कर दिया गया।
क्षेत्र एक आकाशवाणी केंद्र मंडला में निर्माणधीन है.
मध्यप्रदेश में आकाशवाणी के कार्यक्रमों का प्रसारण 1955 में शुरू हुआ था, जबकि प्रदेश का सबसे पहला आकाशवाणी केंद्र इंदौर में स्थापित हुआ था. जिसका उद्घाटन 22 मई 1955 को हुआ था. 31 अक्टूबर 1956 को मध्य प्रदेश का दूसरा आकाशवाणी केंद्र भोपाल में स्थापित किया गया था. 15 अगस्त 1964 को ग्वालियर में, 6 नवंबर 1964 को जबलपुर में, 7 अगस्त 1976 को छतरपुर में तथा 2 अक्टूबर 1977 को रीवा में आकाशवाणी केंद्रों की स्थापना की गई थी। मध्यप्रदेश में रायपुर के जरिए दूरदर्शन का 1975 में प्रवेश हुआ। भोपाल में अल्पशक्ति ट्रांसमीटर 1984 में तथा इंदौर में उच्च शक्ति ट्रांसमीटर 1984 में स्थापित हुआ था। जबलपुर में उच्च क्षमता के प्रसारण केंद्र स्थापित किए गए। प्रथम टीवी स्टूडियो भोपाल में स्थापित किया गया था।
वर्ष | राष्ट्रीय राजमार्ग | प्रांतीय राजमार्ग | मुख्य जिला मार्ग | अन्य जिला\ ग्रामीण मार्ग | कुल योग |
2015 जनवरी | 4,771 | 10,934 | 19,410 | 26,482 | 61,616 |
2016 | 4,771 | 10,934 | 19,429 | 26,482 | 61,616 |
2017 | 7,806 | 11,060 | 20,412 | 24,359 | 63,637 |
2018 जनवरी | 7,806 | 11,389 | 22,129 | 23,395 | 64,719 |
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