नहर | नदी |
बेनगंगा नहर | बेनगंगा |
चंबल की नहरें | चम्बल |
तवा बांध की नहरें | तवा और नदियों के संगम से |
बारना सिंचाई नहर | बारना |
हलाली नहर | बेतवा |
बांध | नदी | बांध | नदी |
बाण सागर बांध | सोन | बारना बांध | वरना |
राजघाट बांध | बेतवा | तवा बांध | तवा |
बारगी बांध | नर्मदा | गांधी सागर बांध | चम्बल |
सिंचाई योजनाएँ | भागीदार राज्य |
चंबल घाटी परियोजना के अंतर्गत या गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर, कोटा बैराज सागर , कोटा बैराज एवं इनकी लहर प्रणालियां। | मध्य प्रदेश राजस्थान |
पेंच परियोजना | मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में महाराष्ट्र के नागपुर जिले। |
बाघ परियोजना | मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र |
काली सागर परियोजना | मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र |
बावनघड़ी परियोजना | मध्य क्षेत्र में महाराष्ट्र |
बाण सागर परियोजना | मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार। |
रानी लक्ष्मीबाई परियोजना के अंतर्गत राजघाट बाईंतट नहर, दतीया वाहक नहर, राजघाट दाई तट नहर,सिंहपुर बेराज, बहुउद्देशीय परियोजना,ऊर्मिल परियोजना | मध्य प्रदेश में उत्तर |
ईव परियोजना (ऑडीसा), मध्य प्रदेश की सपनाई योजना, कुरनाल संयुक्त परियोजना, लोअर जोक सयुक्त परि योजना, कोलाब सयुंक्त परियोजना। | मध्य प्रदेश व ओड़ीशा |
इन्दिरा गांधी सागर परियोजना | मध्य परदेश मे नर्मदा नदी |
परियोजना | लाभान्वित जिले |
चंबल | बेडभिंड, मुरैना, मंदसौर। |
चल्दु | मंदसौर |
भानपुरा | मंदसौर |
भाड़ेर | दतिया, ग्वालियर, भिंड। |
सिंध | ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, भिंड |
तिघरा बांध | ग्वालीयर |
मेहसारी बांध | ग्वालियर |
हरसी बांध | ग्वालियर |
बरियापुर बांगों | छतरपुर |
रनगाँव | छतरपुर |
उरमिल | छतरपुर |
राजघाट | गुना, शिवपुरी टीकमगढ़ |
मोहनी पिकअप | शिवपुरी |
बांध | बालाघाट |
अपर बेनगंगा | बालाघाट शिवानी |
माही | धार,झाबुआ, रतलाम |
कोलार | सीहोर |
बरना | रायसेन,सीहोर |
हलाली | रायसेन,विदिशा (सम्राट अशोक सागर) |
जामनी | भिंड टिकमढ़ |
बाणसागर | रीवा, सीधी, सतना, शहडोल। |
तवा | होशगाबाद , |
बरगी | जबलपुर, नरसिंहपुर। |
सूक्ता | खंडवा |
अपर तापी | खंडवा |
थांवर | मंडला |
वीलगांव | डिंडोरी |
सोनपुर | सागर |
केन | पन्ना |
पतले | पन्ना |
सीहोर जिले मे नर्मदा की सहायक कोलार नदी पर ग्राम लावखेड़ी के निकट कोलार परियोजना निर्माणधीन है। इससे सीहोर जिले मे 45087 हेक्टेयर क्षेत्र मेन सिंचाई के अंतिरिक्त भोपाल नगर के लिए 0.15 मिलियन घन फूट जल प्रदाय किया जाएगा। बारना परियोजना रायसेन जिले में भोपाल स्टेशन से 105 किमी दूर बाड़ी नगर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। इस परियोजना से रायसेन जिलेन में 48,805 हेक्टेयर ओर सीहोर जिलेन में 11,695 हेक्टेयर भूमि की वार्षिक सिंचाई का प्रस्ताव है।
सूक्ता प्रयोजना खंडवा जिले से 40 किलोमीटर दूर सुक्ता नदी पर स्थित है। इससे 18883 हेक्टेयर भूमि पर सिचाई व खंडवा नगर की पेयजल आपूर्ति प्रदान करने का प्रावधान है। सिंधु नदी का शिवपुरी जिले की मोहनी ग्राम के पास पिकअप वियर के निर्माण का कार्य पूरा हो गया। इस योजना के तहत मोहनी पिकअप वीयर हरसी पोशाक नहर का निर्माण, हरसी नहर प्रणाली का पुनरुदवार दोआब नहर तथा केकटा तिगरा फीडर नहर का कार्य शामिल है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित राजघाट बांध परियोजना मध्य उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका निर्माण कार्य जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत गठित बेतवा नदी परिषद द्वारा कराया जा रहा है। यह बांध ललितपुर जिले में बेतवा नदी पर बनाया जा रहा है। इसका नाम अब रानी लक्ष्मीबाई सागर परियोजना रखा गया है। सम्राट अशोक सागर (हलाली) विदिशा और रायसेन जिले की है इन दोनों जिलों के 136 गांव लाभान्वित होंगे. इस योजना से कुल 37,637 हेक्टेयर क्षेत्र है. यह परियोजना रायसेन जिले की सूची विकासखंड में सलापुर रेलवे स्टेशन के 16 किलोमीटर भोपाल जंक्शन से 40 किलोमीटर खोआ गांव के निकट विदिशा एवं रायसेन जिले की सीमा पर निर्मित है।
वर्तमान में मध्यप्रदेश में 0.7 वृहद 23 मध्यम एवं 1424 योजनाओं के निर्माण एवं सर्वेक्षण कार्य क्रियान्वित किया जा रहे हैं। समस्त फसलों का कुल सिंचित क्षेत्रफल वर्ष 2014-15 मे 10,300 हेक्टेयर था। जबकि शुद्ध सिंचित क्षेत्रफल 9,584 हजार हेक्टेयर था। सिंचाई सुविधाओं के त्वरित उपयोग एवं कृषि उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया गया।
2014-5 में शुद्ध सिंचित क्षेत्र 9,584 हजार हेक्टेयर था। जो बढ़कर 2015-16 9,284.5 हजार हेक्टेयर हो गया। 2015-16 में शुद्ध सिंचित क्षेत्र में सर्वाधिक सिंचाई का प्रतिशत 66.76 कुएं एव नलकूप से है। उसके पश्चात मेहरो तालाबों से सिंचाई का प्रतिशत 20.95 तथा अन्य स्रोतों से शुद्ध सिंचित क्षेत्र का 12.29% रहा। मध्यप्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं से गरीबी के सीन चाहिए क्षमता वर्ष 2008-09 से 2010-11 के मध्य क्षमता का उपयोग रहा है और 2016-17 में अधतन सिचाई 28.69 लाख हेक्टेयर की गई ।
वर्ष | वृहद एवं मध्यम, सिचाई क्षमता का उपयोग | लघु सिंचाई क्षमता का उपयोग | कुल योग सिंचाई क्षमता का उपयोग |
2012-13 | 1440-88 | 579.78 | 2020.66 |
2013-14 | 1569.00 | 761.00 | 2330.00 |
2014-15 | 1633.10 | 758.90 | 2392.00 |
2015-16 | 1968.71 | 781.68 | 2750.39 |
2016-17 | 1998.63 | 904.11 | 2902.74 |
2017-18 | 1732.86 | 643.96 | 2376.83 |
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