पारदर्शी की कार्यविधि दो समतल दर्पण से परावर्तन पर आधारित है। वस्तु से आ रही समांतर किरण स्थित द्वारा X मैं से प्रवेश कर ऊपर वाले दर्पण A पर 45 डिग्री के कोण पर आपतित होती है तथा परावर्तित होकर ट्यूब के अक्ष के समांतर चलकर नीचे वाले दर्पण B पर 45 के कोण पर आपतित होती है तथा फिर परावर्तन के ट्यूब के अक्ष के समांतर होकर द्वारा Y से बाहर निकल जाती है। इस प्रकार रुकावट के कारण अदृश्य वस्तु दिखाई देने लगती है।
पारदर्शी का उपयोग बहुत दूर किसी रूकावट के पीछे अदृश्य वस्तु को देखने के लिए किया जाता है। जैसे समुंद्र में दूर से आते जहाजों को तथा सीमा पर शत्रु सैनिकों की गतिविधियों को देखने के लिए करते हैं।
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