पौधों में प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन, कायिक प्रवर्धन in hindi, कायिक प्रवर्धन किसे कहते है, कृत्रिम कायिक प्रवर्धन, कायिक प्रवर्धन in english, वर्धी प्रजनन, वर्धी प्रजनन क्या है, कायिक प्रवर्धन के उदाहरण, जड़ों द्वारा वर्धी प्रजनन होता है
पौधों में बीज को छोड़कर किसी अन्य भाग जैसे जड़े, तना, पत्ते से पौधा विकसित होने की प्रक्रिया, प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन कहलाती है. यह तीन प्रकार से होता है-
कुछ पौधों की जड़ों पर कायिक कलिकाएं होती है, जब वे उगती है तो वे पौधों को जन्म देती है. जब शक्करगंदी को गिली मिट्टी में दबाया जाता है तो उस पर उपस्थित कायिक कलिकाएं उगती है तथा नया पौधा बनाती है. अमरूद तथा पुदीने की छोटी जड़ों पर उपस्थित कलिकाए नए पौधे को जन्म देती है.
बहुत से पौधों के तने पर कायिक कलिकाएँ होती है। उदाहरण के लिए, आलू तथा अदरक को जब हम मिट्टी में दब आते हैं तो यह कालिकाएं अंकुरित होकर नया पौधा बनाती है।
कुछ पौधों के पत्तों पर कायिक कलिकाएँ उपस्थित होती है। यह कलिकाएँ उचित परिस्थितियों में नया पौधा बनाती है। इसलिए उन्हें मिट्टी में लगाकर नए पौधे प्राप्त किए जा सकते हैं।
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए - List…
निर्देश : (प्र. 1-3) नीचे दिए गये प्रश्नों में, दो कथन S1 व S2 तथा…
1. रतनपुर के कलचुरिशासक पृथ्वी देव प्रथम के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा…
आज इस आर्टिकल में हम आपको Haryana Group D Important Question Hindi के बारे में…
अगर आपका selection HSSC group D में हुआ है और आपको कौन सा पद और…
आज इस आर्टिकल में हम आपको HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern - Haryana…