आज इस आर्टिकल में हम आपको सामान्य इस्तेमाल के औजार के बारे में बताने जा रहे है.
वर्कशॉप में फिटरों को विभिन्न प्रकार के कार्य करने के लिए मशीन टूल्स के साथ-साथ अन्य प्रकार के अनेकों बार भी आवश्यकता समय-समय पर पड़ती रहती है। जैसे हेमर, स्पिनर, रिंच, वॉइस, स्क्रू ड्राइवर, पलायर इत्यादि। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य हैंड कटिंग टूल्स की भी आवश्यकता पड़ती रहती है। ऐसे- हेक्सा, चीजल, ड्रिल,रीमर, डाइ टेप, फ़ाइलें तथा स्क्रेपर इत्यादि।
जब कभी भी वर्कशॉप में ठोकने पीटने की आवश्यकता होती है तो चोट मारने के लिए हैमर का प्रयोग किया जाता है। यह वर्कशॉप का सबसे अधिक काम में आने वाला हैंड टूल है। कील ठोकने के लिए, रिविट को फ़ोर्ज करने के लिए, हाइट फिट पार्टों को निकालने में फिट करने के लिए, किसी तार या शीट जैसे टेढ़े-मेढे पार्ट को सीधे करने के लिए,चीजल के द्वारा धातु को काटकर अलग करने के लिए या इसी प्रकार के अनेकानेक उपयोग में हैमर का उपयोग किया जाता है। हैमर को प्रयोग करने से पहले देख लेना चाहिए कि ठीक प्रकार से फिट है अथवा नहीं है। ढीला होने या ना होने से दुर्घटना हो सकती है। हैमर के केस को साफ कर लेना चाहिए। कार्य के अनुसार उचित भार का हैमर चुनना चाहिए। हैमर वजन के आधार पर दो प्रकार से वर्गीकृत किया गया है।
सामान्यत हल्के प्रकार के कार्यों के लिए हैंड हैमर का प्रयोग किया जाता है। इनका वजन 0.125 किलोग्राम से 1.5 किलोग्राम तक होता है। वजन के अनुसार उसमें हथे को फिट किया जाता है। जिसकी लंबाई क्रमश: 25 से 35 सेंटीमीटर रखी जाती है।
इनमें से चोट मारने के लिए पेंन तथा फेस को प्रयोग किया जाता है। इसलिए इन दोनों भागों को हार्ड तथा टेंपर किया जाता है। पैन तथा फेस के बीच के भाग को पोस्ट करते हैं। इसे नरम रखा जाता है जिससे हैमर टूटे नहीं। साधारणत: हैमर कास्ट स्टील या कार्बन को फ़ोर्ज करके बनाए जाते हैं तथा बाद में पैन कार्ड को हार्ड में टेंपर किया जाता है। पोस्ट मे बना छेद इलिप्स के आकार का होता है। इसमें एक लकड़ी का हैंडल ठोककर उसने वेज लगा दिया जाता है जिससे कि हैमर हैंडल से बाहर ना निकल सके।
बाजार से हैमर खरीदते समय हमें उसका वजन तथा पैन का आकार बताना होता है। मार्किंग जैसे- हल्के कार्यों के लिए 250 ग्राम का हैमर प्रयोग किया जाता है तथा भारी कार्यों के लिए आवश्यकतानुसार 1.5 किलोग्राम तक का हैमर प्रयोग किया जा सकता है। हैंड हैमर पेन के आकार के आधार पर निम्न प्रकार वर्गीकृत किया गया है।
लगभग सभी मशीनें प्रक्रियाएं करते समय, जॉब के ऊपर विभिन्न दिशाओं के बल कार्य करते हैं जिनके फलस्वरूप जॉब अस्थिर हो सकता है। दो मशीन करने के लिए यह आवश्यक है कि उसे मजबूती से एक निश्चित स्थान जकड़ कर रखा जाए। वॉइस जॉब को एक स्थिति में मजबूती के साथ है जकड़ कर रखने वाला उपकरण है। जॉब को फाइलिंग, मशीनिंग, स्क्रेपींग, सेटिंग आदि अन्यानय करने से पहले वॉइस में मजबूत पकड़ दिया जाता है। जॉब को जकड़ कर रखने के लिए इसमें हार्ड-जा होते हैं। यह जो जबड़े जॉब की कि सतह में घुस कर उसे जकड़ लेते हैं। इसमें जॉब पर निशान भी पड़ जाता है। तैयार माल को पकने के लिए सॉफ्ट- प्रयोग किए जाते हैं। सॉफ्ट-जा एल्युमिनियम के चादर के बने होते हैं तथा हार्ड-जा के ऊपर ही प्रयोग किए जाते हैं। इसमें जॉब की सतह खराब नहीं होती है, वॉइस का साइज उसके जबड़ों की चौड़ाई दिया जाता है। मशीनों में प्रयोग होने वाली वाइसे निम्न प्रकार की होती है-
मशीनों में विभिन्न अवयवों को प्राय: नट बोल्ट के द्वारा जोड़ा जाता है। ये बोल्ट या नट अपने आप खुले नहीं इसके लिए उन्हें बलपूर्वक कर दिया जाता है। बोल्ट प्राय: षटभुजाकार या कभी चौकोर होते हैं। इनको कसने या खोलने के लिए जिस टूल की सहायता ली जाती है उसे स्पैनर कहते हैं। इनको कसने या खोलने के लिए जिस टूल की सहायता ली जाती है उसे स्पैनर कहते हैं. स्पैनर का मुंह नेट में सेट करने के पश्चात उसके हैंडल पर बल लगाने के लिए कभी भी हैमर या पाइप का सहारा नहीं लेना चाहिए। स्पैनर्स को अन्य नाम जैसे रिच पाना, चाबी आदि नामों से भी जाना जाता है। स्पैनर्स वैनेडियम स्टील से फोर्ज करके बनाए जाते हैं। तत्पश्चात उन्हें हीट ट्रीटमेंट द्वारा बोर्ड तथा टेंपर कर लिया जाता है। कार्यशाला में निम्न प्रकार के स्पैनर प्रयोग मे लाए जाते हैं-
पलायर कार्यशाला का बहुउपयोगी हर समय काम में आने वाला औजार है। इसके द्वारा किसी जॉब को पकड़ा जा सकता है। पकड़ कर मोड़ा जा सकता है या तारा आदि को काटा जा सकता है। यह कास्ट स्टील का बनाया जाता है। जबड़ों पर टेंपर भी होता है जिससे उनके दांते जल्दी खराब ना हो। इसका साइज इसकी संपूर्ण लंबाई के द्वारा दिया जाता है। यह निमन प्रकार के होते हैं।
ऐसे उपयोग जहां पर स्क्रू को बहुत अधिक है बलपूर्वक कसने की आवश्यकता नहीं होती है, स्क्रू के हेड में एक स्लॉट बना लिया जाता है। इस स्लॉट मे स्क्रू-ड्राइवर का ब्लेड फंसा कर आसानी से कसा जा सकता है क्योंकि यह टूल पेच को कसने या खोलने के काम आता है इसलिए इसको पेचकस कहते हैं। यह टूल एक स्टील रोड में एक सिरे पर हाथ था तथा दूसरे सिरे को पीटकर फ्लैट करके बनाया जाता है। फ्लैट भाग को ब्लेड कहते हैं। हीट ट्रीटमेंट द्वारा इसको हार्ड तथा टेंपर कर लिया जाता है। पेचकस की कुल लंबाई पेचकस का साइज बता दी है। पेचकस निम्न प्रकार के होते हैं-
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