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संविधान संशोधन के बारे में पूर्ण जानकारी

आज इस आर्टिकल में हम आपको संविधान संशोधन के बारे में पूर्ण जानकारी देने जा रहे है.

संविधान संशोधन के बारे में पूर्ण जानकारी

संविधान के किस भाग में संशोधन प्रक्रिया का उल्लेख है? भाग 20 में
संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति है उसके लिए प्रक्रिया किस अनुच्छेद में उल्लेखित है? अनुच्छेद 368
संविधान संशोधन के लिए विधेयक किस सदन में पेश किया जाता है? दोनों सदनों में
किस संशोधन के अंतर्गत भूतपूर्व देसी राजाओं के प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया गया? 26 वें संशोधन में
भारतीय संविधान के प्रथम संशोधन कब हुआ था? 1951 में
कौन सा संशोधन यह बताता है कि मंत्रिमंडल के मंत्रियों की संख्या प्रधानमंत्री को शामिल करते हुए लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं होगा? 91 वां संशोधन
भारतीय संविधान के आधारभूत अभिलक्षण कौन से हैं जिन्हें अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संशोधन नहीं किया जा सकता है? संप्रभुता, भूभागीय अखंडता, संघीय प्रणाली, न्यायिक समीक्षा और प्रशासन की संसदीय प्रणाली
किस संविधान संशोधन में लोकसभा के कार्यकाल को 6 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया था? 44वें संशोधन में
पहला संशोधन 1951 इस संशोधन द्वारा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया है
दूसरा संशोधन 1952 संसद के राज्यों के प्रतिनिधित्व को निर्धारित किया गया
तीसरा संशोधन 1954 इसके अंतर्गत सातवीं अनुसूची में समवर्ती सूची की लिस्ट के स्थान पर खान पशुओं के लिए चारा कक्षा कपास जूट आदि को रखा गया जिसके उत्पादन एवं आपूर्ति को लोकहित में समझने पर सरकार उस पर नियंत्रण लगा सकती है
चौथा संशोधन 1955 इसके अंतर्गत व्यक्तिगत संपत्ति को लोक हित में राज्य द्वारा प्रस्तुत किए जाने की स्थिति में न्यायालय की क्षतिपूर्ति के संबंध में परीक्षा नहीं कर सकती है
सातवां संशोधन 1956 इस संशोधन द्वारा भारतीय आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हुआ
नौवा संशोधन 1960 इसके द्वारा संविधान की प्रथम अनुसूची में परिवर्तन करके भारत और पाकिस्तान के बीच 1998 की संधि की शर्तों के अनुसार बेरुबारी क्षेत्र पाकिस्तान को दिए गए
10 वां संशोधन 1961 दादरा नगर हवेली को भारतीय संघ में शामिल करके उन्हें क्षेत्र की स्थिति प्रदान की गई
12 संशोधन 1962 इसके अंतर्गत गोवा दमन और दीव का भारतीय संग में एकीकरण किया गया
13 वां संशोधन 1962 इसके अंतर्गत नागालैंड के संबंध में विशेष प्रावधान उसे एक राज्य का दर्जा दिया गया 1 दिसंबर 1963 को नागालैंड राज्य बन गया
14 वां संशोधन 1963 पांडिचेरी को संघ राज्य क्षेत्र के रूप में प्रथम अनुसूची में जोड़ा गया तथा हिमाचल प्रदेश गोवा दमन और द्वीप पांडिचेरी और मणिपुर में विधान सभाओं की स्थापना की व्यवस्था की गई थी
15 वां संशोधन 1963 इसके अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 7 से घटाकर 62 वर्ष कर दी गई तथा अवकाशप्राप्त न्यायाधीशों की उच्च न्यायालयों में नृत्य से संबंधित प्रावधान बनाए गए
18 वां संशोधन 1964 इसके अंतर्गत पंजाब का भात आधार पर पुनर्गठन हुआ
19 वा संशोधन 1966 इसके अंतर्गत चुनाव आयोग के अधिकारों में परिवर्तन किया गया एवं उच्च न्यायालयों को चुनाव याचिकाएं सुनने का अधिकार दिया गया
21 वां संशोधन 1967 आठवीं अनुसूची में सिंधी भाषा को जोड़ा गया
22 वां संशोधन 1968 मेघालय को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित करने तथा उसके लिए विधानमंडल और मंत्रिपरिषद का उपबंध करने की शक्ति संसद को प्रदान की गई थी
23 वां संशोधन 1969 इसके अंतर्गत विधान पालिकाओं में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आरक्षण एवं आंगन भारतीय समुदाय के लोगों का मनोनयन 10 वर्षों के लिए और बढ़ा दिया गया
24 वा संशोधन 1971 संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी विभाग में संशोधन का अधिकार दिया गया
26 वा संशोधन 1971 इसके अंतर्गत भूतपूर्व देशी राज्यों के शासकों की विशेष उपलब्धियां एवं उनके प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया गया
27 वां संशोधन 1971 इसके अंतर्गत मिजोरम अरुणाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश के रुप में स्थापित किया गया
29 वां संशोधन 1972 इसके अंतर्गत केरल भू सुधार संशोधन अधिनियम 1959 तथा केरल भू सुधार संशोधन अधिनियम 1971 को संविधान की नौवीं अनुसूची में रख दिया गया जिससे इसकी संवैधानिक वैधता को न्यायालय में चुनौती ने दी जा सके
31 वां संशोधन 1973 लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 547 कर दी गई इन में से 545 निर्वाचित हुए 2 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होंगे
35 वां संशोधन 1974 इसके अंतर्गत सिक्किम का संरक्षित राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे संबंध राज्य के रूप में संघ में शामिल किया गया
36 वां संशोधन 1975 सिक्किम को भारतीय संघ में 22 राज्य के रूप में प्रवेश दिया गया शेती संशोधन 1975 अरुणाचल प्रदेश में व्यवस्थापक तथा मंत्रिपरिषद की स्थापना की गई
39 वां संशोधन 1975 इसमें राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन संबंधी विवादों को न्यायिक परीक्षण से मुक्त कर दिया गया
41 वां संशोधन 1976 इसमें राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की सेवा मुक्ति की आयु सीमा 7 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई पर संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की शेरवानी वित्त की अधिकतम आयु 65 वर्ष रहने दी गई
42वां संशोधन 1976 इसे लघु संविधान की संज्ञा प्रदान की गई है इसके द्वारा संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष समाजवादी और अखंडता शब्द जोड़े गए इसके द्वारा नागरिक के मूल कर्तव्य निश्चित किए गए लोकसभा तथा विधानसभा के कार्यकाल में 1 वर्ष की वृद्धि की गई नीति निदेशक तत्वों में कुछ नवीन तत्व जोड़े गए इसके द्वारा शिक्षा नापतोल और जंगली जानवर तथा पक्षियों की रक्षा विशेष राज्य सूची से निकालकर समवर्ती सूची में गए यह व्यवस्था की गई के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत आपातकाल

संपूर्ण देश में लागू किया जा सकता है या किसी एक या कुछ भागों के लिए संसद द्वारा किए गए संविधान संशोधन को न्यायालय में चुनौती देने से वंचित कर दिया गया

 

44 वां संशोधन 1978 संपत्ति के मूल अधिकार को समाप्त करके इसे विधिक अधिकार बना दिया गया लोक सभा तथा राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल पुणे 5 वर्ष कर दिया गया राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव विवादों की सुनवाई का अधिकार पुणे सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय को ही दे दिया गया मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रपति को जो भी परामर्श दिया जाएगा राष्ट्रपति मंत्रिमंडल को उस पर दोबारा विचार करके के लिए कह सकेगा लेकिन पुनर्विचार के बाद मंत्रिमंडल राष्ट्रपति को जो भी ब्राह्मण थे का राष्ट्रपति उस परामर्श को निर्यात स्वीकार करेगा व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को शासन के दो

आपातकाल में भी स्थगित नहीं किया जा सकता

 

50 वां संशोधन 1984 इसके द्वारा अनुच्छेद 35 वें संशोधन कर सैन्य सेवाओं की पूरक सेवाओं में कार्य करने वालों के लिए आवश्यक सूचनाएं एकत्रित करने देश की संपत्ति की रक्षा करने और कानून तथा व्यवस्था से संबंधित दायित्व भी दिए गए साथ ही इन सेवाओं द्वारा उचित कर्तव्य पालन हेतु संसद को कानून बनाने का अधिकार दिया गया
52 वां संशोधन 1985 इस संसोधन द्वारा संविधान मेन 10 वीं अनुसूची जोड़ी गई इसके द्वारा राजनीतिक दल-बदल पर कानूनी रोक लगाने की चेष्टा की गई है
53 वां संशोधन 1986 इसके द्वारा अनुच्छेद 371 में खंड जी जोड़कर मिजोरम को राज्य का दर्जा दिया गया
54 वां संशोधन 1986 इसके द्वारा संविधान की दूसरी अनुसूची के भाग डी में संशोधन कर न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि का अधिकार संसद को दिया गया
55 वां संशोधन 1986 इसके अनुसार अरुणाचल प्रदेश को राज्य बनाया गया
56 वां संशोधन 1987 इसके अंतर्गत गोवा को एक राज्य का दर्जा दिया गया तथा दमन और दीव को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में ही रहने दिया गया
57 वां संशोधन 1987 इसके अंतर्गत अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण के संबंध में मेघालय मिजोरम नागालैंड अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा सीटों का परिसीमन इस शताब्दी के अंत तक कर दिया गया
58 वां संशोधन 1987 इसके द्वारा राष्ट्रपति को संविधान पढ़ना प्रमाणिक हिंदी संस्करण प्रकाशित करने के लिए अधिकृत किया गया
60 वां संशोधन 1988 इसके अंतर्गत व्यवसाय की सीमा ₹250 से बढ़ाकर ₹25 प्रति व्यक्ति व्यक्ति प्रति वर्ष कर दी गई
61 वां संशोधन 1989 मताधिकारी के लिए न्यूनतम आवश्यक आयु 1 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई
65 वां संशोधन 1990 अनुच्छेद-338 में संशोधन अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के गठन की व्यवस्था की गई थी
69 वां संशोधन 1991 दिल्ली का नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली किया गया तथा इसके लिए 70 सदस्य विधान सभा तथा 7 सदस्य मंत्रिमंडल गठन कब किया गया
70 वां संशोधन 1992 दिल्ली तथा पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र की विधानसभाओं के सदस्यों को राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल के रूप में शामिल का प्रावधान किया गया
71 वा संशोधन 1992 तीन अन्य भाषाओं को अपनी मणिपुरी और नेपाली को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया पंचायती 1992 का नया भाग 9 तथा 1 मई अनुसूची 11 वीं अनुसूची को जोड़ा गया पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया
74वां संशोधन 1993 संविधान में एक नया भाग 9 का और एक नई अनुसूची 12 वीं अनुसूची को जोड़ा गया तथा शहरी क्षेत्र के स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया
76 वां संशोधन 1995 संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान की नौवीं अनुसूची के किया गया तथा तमिलनाडु सरकार द्वारा पारित पिछड़े वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का उपबंध अधिनियम सूची में शामिल कर दिया गया
78 वां संशोधन 1995 अनुसूची में विभिन्न राज्यों द्वारा पारित स्थाई सुधारों को शामिल किया गया जिससे नौवीं अनुसूची में कुल 284 दिन हो गए
82 वां संशोधन 2000 राज्यों  को सरकारी नौकरियों में आरक्षित रिक्त स्थानों की पूर्ति हेतु गणित के मामलों में अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम प्राप्त अंकों के छूट प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई थी
84 वां संशोधन 2001 इस संशोधन अधिनियम द्वारा लोकसभा तथा विधानसभा की सीटों की संख्या में वर्ष 2026 तक कोई परिवर्तन नहीं करने का प्रावधान किया गया है
85 वां संशोधन 2001 सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति जनजाति के विद्यार्थियों के लिए पदोन्नतियां के आरक्षण की व्यवस्था
86 वा संशोधन 2002 इस संशोधन अधिनियम द्वारा देश के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने संबंधी प्रावधान किया गया इसे अनुच्छेद 21 के अंतर्गत संविधान में जोड़ा गया है
88 वा संशोधन 2003 सेवा पर कर का प्रावधान किया गया
89 वां संशोधन 2003 अनुसूचित जनजाति के लिए पृथक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की व्यवस्था की गई
91 वां संशोधन 2003 इस में दल बदल विरोधी कानून में संशोधन किया गया
92 वां संशोधन 2003 इसमें आठवीं अनुसूची के चार और भाषाएं मैथिली डोगरी को जोड़ा गया
93वां संशोधन 2005 में SC ST OBC बच्चों के लिए सरकारी व निजी स्कूलों में सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान किया गया
94 वां संशोधन 2006 इस संसोधन द्वारा बिहार राज्य को एक जनजाति कल्याण मंत्री नियुक्त करने के उत्तरदायित्व से मुक्त किया गया तथा यह व्यवस्था झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य में लागू की गई
95 वां संशोधन 2010 SC ST के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण को 60 से 70 साल तक के लिए बढ़ाया गया
96 वां संशोधन 2011 इसमें उड़ीसा का नाम बदलकर ओड़िसा करने का उड़िया भाषा का नाम ऑडियो करने का प्रावधान किया गया है स्थान में वहां
97 वां संशोधन 2011 इसके द्वारा संविधान के भाग 9 में भाग लोक है जोड़ा गया और हर नागरिक को ऑपरेटिव सोसाइटी के गठन का अधिकार दिया गया
98 वां संशोधन 2012 कर्नाटक के राज्यपाल को हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र के लिए एक अलग विकास बोर्ड गठित करने का अधिकार दिया गया
99 वां संशोधन 2014 राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का गठन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित सन 2015 बांग्लादेश सीमा समझौता लागू किया गया
100 वां संशोधन 2015 बांग्लादेश के स्दाथ भूमि- सीमा सम्झौता (LBA) लागू किया गया
101 वां संशोधन 2016 पूरे देश में वस्तु एवं सेवा कर GST लागू किया गया

मौर्योत्तर काल के बारे में जानकारी

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