सौर परिवार के आंतरिक ग्रह किन्हे कहते हैं? वर्णन करो?
सौर परिवार के प्रथम चार ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल अन्य ग्रहों की तुलना में सूर्य की अत्यंत निकट है, इन्हें आंतरिक ग्रह कहते हैं।
- बुध (मरकरी) गृह- यह ग्रह सूर्य के सबसे निकट होने का कारण बहुत गर्म है। इस ग्रह पर कोई वायुमंडल व जल न होने के कारण जीवन संभव नहीं है। इस ग्रह को सूर्य के कुछ समय पहले तथा सूर्य अस्त होने के कुछ समय बाद तारे की तरह चमकता हुआ देखा जा सकता है। इसी कारण इसे प्रात सातारा या संध्या तारा भी कहा जाता है। बुध और चंद्रमा का आकार व द्रव्यमान एक जैसा है। बुध ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।
- शुक्र (वीनस) गृह- सूर्य से दूरी के हिसाब से यह दूसरा ग्रह है। यह सबसे चमकीला ग्रह है। यह सुबह पृथ्वी आकाश में तथा शाम को पश्चिमी आकाश में दिखाई देने के कारण प्रातसतार या संध्या तारा कहलाता है। यह अपने पर पड़ रहा है सूर्य के प्रकाश का 75% भाग परावर्तित कर देने के कारण सबसे चमकीला प्रतीत होता है। इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 4/5 वां भाग है।
- इस ग्रह पर अधिक CO2 की उपस्थिति के करण ग्रीन हाउस प्रभाव होता है जो इसे गर्म बना देता है। इसी कारण इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है। इसका कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।
- पृथ्वी- यह सौर परिवार का अकेला ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। इस ग्रह पर जीवन की उपस्थिति के कारण ऑक्सीजन, पानी, उचित तापमान व रक्षात्मक और वर्ण का होना है। इसका एक प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा है।
- मंगल ग्रह- इस ग्रह को लाल ग्रह कहा जाता है। इसे पृथ्वी से नंगी आंखों से देखा जा सकता है। इसके दो प्राकृतिक उपग्रह है। इस ग्रह के वायुमंडल में मुख्य तौर पर CO2 है तथा ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में है। इस ग्रह पर जीवन की के अस्तित्व की अन्य सुविधाएं भी है।
सौर परिवार के बाह्रा ग्रह कौन-कौन से हैं? वर्णन करो।
जो ग्रह मंगल की कक्षा से बाहर है, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्टयून सूर्य से दूर है, इन्हें बाह्रा ग्रह कहते हैं.
- बृहस्पति ग्रह- यह ग्रह सभी ग्रहों में बड़ा तथा सबसे अधिक द्रव्यमान वाला है। इस ग्रह के वायुमंडल में हाइड्रोजन, एलियन, मिथेन व अमोनिया गैस से होने के कारण यह चमकीला दिखाई देता है। यह अपने ऊपर पढ़ रहे सूर्य के प्रकाश के अधिकतर भाग को परावर्तित कर देता है।इसके चारों और कुछ ढूंढ ले चले हैं तथा इसके अब तक 63 उपग्रह खोजे जा चुके हैं।
- शनि ग्रह- यह बृहस्पति के बाद सौर परिवार का दूसरा बड़ा तथा भारी ग्रह है। इसकी सूर्य से दूरी बृहस्पति से लगभग दुगुनी है। यह भी मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम का बना हुआ है। इसके इर्द-गिर्द तीन छल्ले हैं, जिस कारण है सौर परिवार का सुंदर व अद्वितीय ग्रह प्रतीत होता है। इसके 60 उपग्रह ज्ञात किए जा चुके हैं।
- यूरेनस- यह दूरदर्शी द्वारा खोजा गया पहला ग्रह है। यह ग्रह बृहस्पति और शनि के बाद तीसरा बड़ा ग्रह है। इसके वायुमंडल में हाइड्रोजन, हीलियम वह मेथेन गैसें हैं। इसके 27 उपग्रह है। यह ग्रह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर गति करता है।
- नेप्टयून- यह दूरदर्शी की सहायता से खोजा गया दूसरा ग्रह है जो यूरेनस से थोड़ा ही दूर है। इसका आकार लगभग यूरेनस जैसा है। इसके इर्द-गिर्द भी कुछ छल्ले हैं। इसके 13 उपग्रह है।
पुच्छल तारे अथवा धूमकेतु के बारे में संक्षेप में वर्णन करो। (अथवा) धूमकेतु क्या होते हैं? क्या तुमने कभी कोई धूमकेतु देखा है?
धूमकेतु भी सौर परिवार का एक सदस्य है जो पृथ्वी से कभी-कभी दिखाई देता है। इसे पुच्छल तारा भी कहते हैं। पुच्छल तारे छोटे आकार के आकाशीय पिंड है जिनके इर्द-गिर्द बहुत धूल जमी रहती है। यह आकाशीय पिंड जब सूर्य के निकट आते हैं तो सूर्य की किरणें तथा अन्य दबाव के कारण धूल कण सूर्य से दूर हट जाती है और उन पर सूर्य का प्रकाश पड़ने लगता है।सूर्य के प्रकाश के कारण यह धूल कण भी चमकने लगती है जिससे एक पूंछ जैसी आकृति दिखाई देने लगती है। पुच्छल तारों की पूंछ सदा सूर्य के विपरीत दिशा में होती है।
धूमकेतु के दो भाग होते हैं। एक भाग सिर व दूसरा भाग पुंछ कहलाता है। यह दोनों भाग धूल कणों और विभिन्न गैसों से बने होते हैं। इसकी पुंछ कर भाग में गैसों का गण दो सिर के भाग के केसों के घंटों की अपेक्षा बहुत कम होता है। इसकी पूंछ कई लाख मील लंबी होती है।
धूमकेतु एक निश्चित कक्ष पर सूर्य के गिर्द चक्कर काटता है। सूर्य के गिर्द चक्कर काटते समय सूर्य के पास पहुंचकर किसकी गति बहुत तीव्र हो जाती है। इसके अतिरिक्त परिक्रमा करते समय इसका सिर वाला भाग सदा सूर्य की और रहता है। एल ए का सौर परिवार का एक प्रसिद्ध धूमकेतु है। पृथ्वी पर हैलेका- धूमकेतु पहले सन् 1910 में दिखाई दिया था। उसके बाद सन् 1986 में यह धूमकेतु फिर दिखाई दिया अर्थात हैलेका-धूमकेतु 76 वर्ष बाद दिखाई देता है।
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