उत्तराखंड के गठन के लिए उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक है- 2000 लोकसभा में 27 जुलाई 2000 को प्रस्तुत किया। लोकसभा में 1 अगस्त 2000 को वह राज्यसभा में 10 अगस्त 2000 को पारित किया गया। इस विधेयक को राष्ट्रपति ने अपनी स्वीकृति 28 अगस्त 2000 को प्रदान की तथा इस अधिनियम के रूप में सरकारी गजट में अभी सूचित कर दिया गया था। उत्तरांचल (वर्तमान नाम उत्तराखंड) का गठन 9 नवंबर 2000 को किया गया।
उत्तराखंड का संघर्ष
- उत्तराखंड का उदय किसी एक व्यक्ति या संगठन की शहादत और सोच का परिणाम नहीं है, यह सुखद बेला आजादी से पहले घटित होते रहे अनेक संगठनों में 6 वर्ष पहले शुरू हुए जन आंदोलन के दौरान शहीद हुए दर्जनों से अधिक राज्य प्रेमियों के बलिदान का प्रतिफल है।
- क्षेत्रीय समस्याओं पर विचार करने के लिए 1926 में कुमाऊं परिषद का गठन जिस के कर्ता-धर्ता, गोविंद बल्लभ पंत, तारा दत्त गैरोला तथा बद्री दत्त पांडे थे।
- 1938 में श्री देवी सुमन ने दिल्ली में गढदेशसेवा संघ की स्थापना की जिसे बाद में हिमालय सेवा संघ का नाम दिया गया था।
- आजादी के बाद 1950 में वृहद हिमालय राज्य (हिमाचल और उत्तराखंड से मिला कर) के लिए पर्वतीय जन विकास समिति का गठन।
- जून 1967 में पर्वतीय राज्य परिषद का गठन जिसकी अध्यक्षता कृष्ण पांडे, उपाध्यक्ष गोविंद सिंह मेहरा और महासचिव नारायण दत्त सुंर्दीयाल थे।
- 1970 में पी सी जोशी ने कुमाऊ राष्ट्रीय मोर्चा गठित किया था।
- 1972 में नैनीताल में उत्तराखंड परिषद का गठन हुआ।
- 1979 में मसूरी में पर्वतीय जन विकास सम्मेलन के अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल का गठन, जिसके अध्यक्ष कुमाऊं वि.वि. के तत्कालीन कुलपति डी डी पंत चुने गए थे।
- 1988 में भारतीय जनता पार्टी के सोवन सिंह जीना की अध्यक्षता में उत्तराखंड उत्थान परिषद का गठन।
- 1988 सितंबर उत्तराखंड प्रदेश संघर्ष समिति का गठन।
- फरवरी 1989 में तमाम संगठनों का आंदोलन चलाने के लिए उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति।
- 1944 के जन आंदोलन के दौरान उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों समेत देश की राजधानी दिल्ली में भी तमाम संगठनों में राज्य प्राप्ति प्राप्ति आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। इनमें उत्तराखंड क्षेत्र में उत्तराखंड संयुक्त छात्र संघर्ष समिति, उत्तराखंड छात्र युवा संघर्ष समिति, प्रगतिशील महिला मंच, नारी संघर्ष समिति, उत्तराखंड महिला मोर्चा, उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति, पर्वतीय, कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तराखंड भूतपूर्व सैनिक संगठन के अलावा दिल्ली में उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा, उत्तराखंड महासभा, उत्तराखंड राज्य लोक मंच उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति के नाम पर है।
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