भारत की उत्तरी सीमांत उत्तराखंड या उत्तराखंड क्षेत्र का अधिकार भाग पर्वतीय क्षेत्र है। भूमि में अधिक नमी होने की वजह से वनों की संख्या अधिक है। भूमि में अधिक नमी होने की वजह से वनों की संख्या अधिक है। हिमालय की तलहटी में बसा उत्तराखंड मध्य हिमालय में 28०43′ से 31० 28′ उत्तरी अक्षांश तथा 77०32′ से 81० पूर्वी देशांतर के बीच अवस्थित है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय सीमा चीन के पश्चिमी नेपाल देश से लगी हुई है। पूर्व में काली नदी के पश्चिम तट से शुरू होकर पश्चिम में टौंस नदी के पूर्वी तट तक, उत्तर में तिब्बत के दक्षिणी ढलान से लेकर, दक्षिण में शिवालिक की तराई तक फैली हुई है।
तिब्बत और नेपाल से लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा ने इस भू-भाग को सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तथा सामरिक दृष्टि में संवेदनशील बना दिया है।
उत्तराखंड का लगभग 87% भूभाग पार्वतय विशेषता वाला है, भूगर्भिक संरचना धरातल विन्यास की विविधता नदी घटिया प्राकृतिक वनस्पति जैव विविधता पर्वत शिखरों की छटा, बर्फीले दरारों में ग्लेशियरों की बहुलता ने इसके नैसर्गिक भू दृश्य को एक विशिष्टता प्रदान की है। राज्य में 2690.12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव अभ्यारण स्थित है।
उत्तराखंड के तीनो प्रदेशों में विभाजित किया जा सकता है-
हिमाद्रि या महान हिमालय
इसका निर्माण ऊपरी क्रिटेशस से ऊपरी इयोशीन काल में हुआ। टर्शरी युगीन क्षेत्र की औसत ऊंचाई 50 किलोमीटर तथा धरातल से ऊंचाई औसतन 4500 से 7000 मीटर है। यहां की सर्वोच्च चोटी नंदादेवी 7816 मीटर ऊंची है। अन्य हिमाछादित शिखरें कामेत,बद्रीनाथ, केदारनाथ, बंदरपुंछ, गंगोली, यमुनोत्री चौखंभा आदि 6000 मीटर से अधिक ऊंची है। इनके मध्य भागीरथी,अलकनंदा व धौलीगंगा की अनुप्रस्थ घाटियाँ स्थित है। श्रेणी के मध्य में गंगा तथा यमुना का उद्गम है।
हिमाचल या निम्न हिमालय क्षेत्र
इसका निर्माण टर्शरी युग के मध्य मायोसिन काल में हुआ। 75 किलो मीटर चौड़ी इस पेटी का औसत धरातलीय उच्चावच 1500 से 2700 मीटर तक है। इसमें बलित एवं कायन्तरित से निर्मित इस श्रेणी एवं गहरी घातियाँ स्थित है। समुद्र तल से 500 से 1200 मीटर की ऊंचाई पर अनेक नदी घाटियों पाई जाती है। इन श्रेणियों के ढालो पर घास के छोटे-छोटे मैदान स्थित है, जिन्हें बुग्याल या पयार कहते हैं। नैनीताल जिले में 25 किलोमीटर लंबी वह 4 किलोमीटर चौड़ी अनेक ताल यथा – नैनी, भीम, सात ताल, पूना ताल, खुरपा ताल, सूखा ताल तथा सरिया ताल स्थित है। गढ़वाल क्षेत्र में गोहना जिले में दिऊरी ताल प्रसिद्ध है।
शिवालिक या ब्राह्म हिमालय क्षेत्र
यह क्षेत्र टर्शरी युग अवसादो से प्लायोंसीन के अंत में बलन एवं उत्थान के कारण निर्मित हुई, ये निम्न श्रेणियाँ 750 से 1200 मीटर ऊंची है। इनके उत्तरी ढाल सघन वनों से ढके हैं, जिनकी तलहटी में दून ( घटियाँ) स्थित है। इनकी रचना मुख्यतः बजरी से हुई है, जो नदियों द्वारा छिछले जल में निक्षेपों की सूचक है।
विविधताओं से भरा यह उत्तराखंड स्विट्जरलैंड से किसी भी मायने में कम नहीं है। पर्वतारोहण के लिए यहां सर्वाधिक उपयुक्त जगह है। प्रसिद्ध मानसरोवर यात्रा मार्ग तथा अंतिम दुर्गम पड़ाव इसी क्षेत्र में है, पूर्व से लेकर पश्चिम तक अनेक दुर्गम हुए अत्यधिक ऊँचे दर्रे हैं, जो सैलानियों में पर्वतारोहियों के मनोरंजन स्थल है। पर्यावरणीय प्रदूषण यहां पर नहीं है।
अन्य तथ्य
- विश्वविख्यात फूलों की घाटी चमोली जिले में स्थित है।
- गढ़वाल के स्विट्जरलैंड के रूप में जो बात बुग्याल को जाना जाता है
- द वैली ऑफ फ्लावर्स पुस्तक के लेखक फ्रैंक एस स्मिथ थे।
- बुग्याल मखमली घास का मैदान है ।
- ओली गुरसों की फूल घाटी जोशीमठ में स्थित है।
- चिपको आंदोलन वृक्षों की कटाई रोकने से संबंधित है।
- रेणी गांव (चमोली) की गौरा देवी का संबंध चिपको आंदोलन से है।
- राज्य में पौधरोपण नीति 6 जून 2006 को लागू की गई।
उत्तराखंड के पर्वतीय श्रेणियां
पर्वत शिखर | समुद्र सतह से ऊंचाई (मीटर में) | जनपद |
नंदा देवी (पूर्वी) | 7,434 | चमोली- पिथौरागढ़ |
कामेत | 7,756 | चमोली |
माणा | 7,273 | चमोली |
चौखंबा | 7,138 | चमोली |
त्रिशूल | 7,120 | चमोली |
द्रोणागिरी | 7,066 | चमोली |
पंचाचूली | 6,904 | चमोली- पिथौरागढ़ |
नंदाकोट | 6,861 | चमोली |
बन्दरपुंछ | 6,315 | चमोली |
नीलकंठ | 6,597 | चमोली |
बद्रीनाथ | 7,140 | चमोली |
स्वर्गारोहिणी | 6,252 | चमोली-उत्तरकाशी |
माणा पर्वत | 7,273 | चमोली |
संतोपथ | 7,084 | चमोली |
गंधमाधन | 6,984 | चमोली |
नरपर्वत | 5,831 | चमोली |
नारायणपर्वत | 5,965 | चमोली |
हाथी पर्वत | 6,727 | चमोली |
देवस्थान | 6,678 | चमोली |
गौरी पर्वत | 6,250 | चमोली |
नंदाघुंघटी | 6,309 | चमोली |
गुन्नी | 6,180 | चमोली पिथौरागढ़ |
तुंगनाथ/च्ंद्राशिला | 3,690 | चमोली |
केनदारनाथ | 6,968 | चमोली उत्तरकाशी |
जैलंग | 5,871 | उत्तरकाशी |
केदारकांठा | 3,813 | उत्तरकाशी |
यमुनोत्री | 6,400 | उत्तरकाशी |
भागीरथी पर्वत | 6,856 | उत्तरकाशी |
श्रीकंठ |
6,728 | उत्तरकाशी |
गंगोत्री | 6,672 | उत्तरकाशी |
नंदा देवी (पश्चिम) | 7,817 | चमोली |
उत्तराखंड के ग्लेशियर (हिमनद)
ग्लेशियर | जनपद |
गंगोत्री | उत्तरकाशी |
मिलाम | पिथौरागढ़ |
पोंटिंग | पिथौरागढ़ |
नामिक | पिथौरागढ़ |
पिंडारी | बागेश्वर |
सुंदरढुंगा | बागेश्वर |
कफनी | बागेश्वर |
खतलिंगी | टिहरी |
चोराबाड़ी | रुद्रप्रयाग |
सतोपंथ भागीरथी | चमोली |
मैकतोली | बागेश्वर |
यमुनोत्री | उतरकाशी |
बंदरपुंछ | उतरकाशी |
काली | पिथौरागढ़ |
दूनागिरि | चमोली |
प्रमुख दर्रे
दर्रा | संपर्क क्षेत्र |
शृंगंकंठ | उत्तरकाशी- हिमाचल प्रदेश |
मुलिंग ला ( 5669 मीटर) | उत्तरकाशी – तिब्बती |
माणा (चिरबटिया अथवा डुगरी ला 5608 मीटर) | चमोली- तिब्बत |
नीति ( 5044 मी) | चमोली- तिब्बती |
बाराहोती | चमोली- पिथौरागढ़ |
कुंगरी बिंगरी | चमोली- तिब्बत |
दारमा | पिथौरागढ़- तिब्बत |
लिपुलेख | पिथौरागढ़- तिब्बत |
ट्रेलपास | बागेश्वर- पिथौरागढ़ |
मानस्याधुरा | पिथौरागढ़- तिब्बत |
लंपिया धूरा | पिथौरागढ़- तिब्बत |
लेविधुरा | पिथौरागढ़- तिब्बत |
बालचा धूरा | चमोली – तिब्बती |
लमलंग |
चमोली- तिब्बती |
शलशलला | चमोली – तिब्बती |
नेललंगा-सागचोकला | उत्तरकाशी – तिब्बती |
- सर्वाधिक बाघों वाला राष्ट्रीय उद्यान- कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान
- सबसे पुराना और नया राष्ट्रीय उद्यान – कार्बेट और गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान।
- सबसे बड़ा और सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान – गंगोत्री और फूलों की घाटी
- सबसे पुराना और सबसे उद्यतन वन्यजीव विहार गोविंद (उत्तरकाशी) और बिनोग (देहरादून)
- सर्वाधिक कस्तूरी मृगवाला वन्यजीव विहार अस्कोट वन्य जीव विहार (पिथौरागढ़)
- सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य वाला जिला- चमोली।
- विश्व धरोहर सूची में शामिल जैव क्षेत्र-नंदा देवी जैवमंडल सुरक्षित क्षेत्र फूलों की घाटी।
कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान किन दो नदियों के मध्य स्थित है?
कोसी- यमुना
राष्ट्रीय उद्यान
- कार्बेट नेशनल पार्क नैनीताल स्थापना- 1935 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर- 521
- नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, चमोली, स्थापना – 1982 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर- 630
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, चमोली, स्थापना- 1982 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर- 87
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, पौड़ी गढ़वाल स्थापना- 1983 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर- 820
- गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान, उत्तरकाशी, स्थापना- – 1992 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर- 2390
- गोविंद राष्ट्रीय उद्यान, उत्तरकाशी,स्थापना- – 1992, क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर- 472
नाम | स्थापना- वर्ष | क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर | जनपद |
गोविंद वन्य जीव विहार | 1955 | 957 | उत्तरकाशी |
केदारनाथ वन्य जीव विहार | 1972 | 967 | चमोली |
अस्कोट वन्य जीव विहार | 1986 | 600 | पिथौरागढ़ |
सोना नदी वन्य जीव विहार | 1987 | 301 | गढ़वाल |
विन्सर वन्य जीव विहार | 1988 | 40 | अल्मोड़ा |
मसूरी वन्य जीव विहार | 1993 | 11 | देहरादून |
असम बैरेज बर्ड सेंचुरी | 1967 | 4 | देहरादून |
झीलें
- उत्तराखंड में विकास झीले कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है।
- भीमताल झील काठगोदाम से 10 किलोमीटर उत्तर में स्थित है लंबाई 16 सेंटीमीटर चौड़ाई 427 मीटर और गहराई 30 मीटर तथा समुद्र तल से 1332 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
- नौकचिया ताल से ताल से 4 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की ओर स्थित है, समुद्र तल से 1292 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील 1004 मीटर लंबी 750 मीटर चौड़ी तथा 45 मीटर गहरी है।
- कुमाऊं क्षेत्र की सर्वाधिक गहरी झील नौगछिया ताल झील है।
- सातताल झील साथ छोटी-छोटी झीलों का समूह है। यह 19 मीटर गहरा तथा समुद्र तल से 1288 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
- नलदमयंती ताल की लंबाई 20 मीटर चौड़ाई 15 मीटर तथा गहराई 8 मीटर है। यह विभिन्न प्रकार की मछलियों का ताल है।
- सर्वाधिक झीलों\तारों वाला जिला- चमोली
उत्तराखंड के झीलें
नाम |
स्थान | जनपद |
विष्णु ताल | सतोपंथ के नजदीक, बद्रीनाथ | चमोली |
सत्यपदताल | अलकनंदा का उद्गम | चमोली |
रूपकुंड | बेदनी बुग्याल से आगे | चमोली |
बेनीताल | आदि बद्री के ऊपर | चमोली |
सुखताल | घाट के ऊपर | चमोली |
झलताल | सुखताल के निकट | चमोली |
वासुकी ताल | बाबू पट्टी के दराज से ऊपर | रुद्रप्रयाग |
चौराबाडीताल | केदारनाथ के निकट | रुद्रप्रयाग |
विरहीताल | विरही गंगा पर | चमोली |
देवरिया ताल | उखीमठ से ऊपर | रुद्रप्रयाग |
स्रहसताल | थाती, कठोर पट्टी | टिहरी |
ओछारीताल | फुल की घाटी के मध्य | चमोली |
लिंगतालल | फूलों की घाटी के मध्य | चमोली |
यमताल | सहस्त्रताल के समीप में | टिहरी |
डोडीताल | गंगोत्री से आगे | उत्तरकाशी |
नचिकेता ताल | धनारी के पंचांग गांव का कौल गांव के मध्य | उत्तरकाशी |
कानाताल | डोडो ताल के पीछे | उत्तरकाशी |
काकभुसुंडि ताल | हाथी पर्वत जोशीमठ | चमोली |
नैनीताल | नैनीताल | नैनीताल |
नदियों के किनारे स्थित प्रमुख नगर
नगर | नदी\संगम |
रुद्रप्रयाग | अलका मंदाकिनी |
देवप्रयाग | अलकनंदा और भागीरथी |
विष्णु प्रयाग | अलकनंदा विष्णुप्रयाग और धौली गंगा |
नंदप्रयाग | अलकनंदा और मादीकानी |
कर्ण प्रयाग | अलकनंदा व पिंडर |
हरिद्वार | गंगा |
गंगोत्री | भागीरथी और केदार गंगा |
जोशीमठ |
अलकनंदा |
ऋषिकेश | गंगा और चंद्र बागा |
टनकपुर | काली |
उत्तराखंड के मुख्य शहरों के प्रतिक
झीलों की रानी | नैनीताल |
पहाड़ों की रानी | मसूरी |
छोटा कश्मीर | पिथौरागढ़ |
गढ़वाल प्रवेश द्वार | कोर्ट द्वारा |
तीर्थ नगरी | हरिद्वार |
दून | देहरादून |
लीची नगर | देहरादून |
मिलिट्री नगर | देहरादून |
कुमाऊ का द्वार | काठगोदाम |
संतनगरी | ऋषिकेश |
मंदिरों का शहर | द्वाराहाट |
भारत का स्विट्जरलैंड | कौसानी |
बाल मिठाई घर | अल्मोड़ा |
कत्यूरी घाटी | बैजनाथ |
वन नगरी | देहरादून |
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