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उत्तराखंड की जल परियोजनाएँ

इस प्रदेश में अनेक नदी-नदीकाएँ बहती है, जिन्हें स्थानीय भाषा में गाड कहते हैं, यहां तीन प्रमुख नदी क्रम पाए जाते हैं। गंगा नदी क्रम के अंतर्गत भागीरथी, अलकनंदा, जहावी प्रमुख धाराएं हैं, जो कदराओ में बहती है। अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी, पिंडारा धवलगंगा है। प्रधान नदी गंगा (भागीरथी) गंगोत्री हिमनद के गोमुख से निकलती है। यमुना नदी क्रम में बंदरपूंछ के दक्षिण-पश्चिम में यमुनोत्री हिमनद से यमुना एवं शिखर कि उत्तरी ढाल से यमुना की सहायक टोंस नदी निकलती है, यमुना गंगा नदी क्रम की सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदी है।

काली नदी क्रम पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व नैनीताल के पूर्वी भाग में यह नदी क्रम विकसित है। कालापानी व कूठी इसकी शीर्ष धाराएं तथा गोरी गंगा, सरजू, लोहावती की प्रमुख सहायक नदियां हैं। प्रदेश के पूर्वी भाग में रामगंगा में गोला, शिवालिक क्षेत्र में सौंग, खौह, डबका, निहाल आदि मुख्य नदियां है। क्षेत्र में वृक्षाकार प्रवाह प्रतिरूप पाया जाता है।

हिमनद

उत्तराखंड क्षेत्र में प्लीस्टोसिन हिमानीकरण के प्रमाण मिलते हैं। घाटियो मे हिमोढ़ निक्षेप ,नुकीली शिखरें यथा- शिवलिंग व नीलकंठ, हिमानीकृत झीले यथा- हेमकुंड, रूपकुंड, सतोपंथ, ताल, हिमनदीय चबूतरे (गोमुख के निकट), आदि अनेक हिमनदीय आकृतियां 3000 मीटर के ऊपर विकसित पाई जाती है। यहां पर गंगोत्री, यमुनोत्री, मिलाम, पिंडारी, पोंटिंग, सोना, बालिंग आदि हिमनद मिलते हैं।  उत्तराखंड प्रदेश में भूगर्भिक हलचलों द्वारा हिमालय की घाटियों में पुनर्युवन प्रमाण नदी वेदीका, अध:कर्तित आदि के रूप में मिलते हैं।

उत्तराखंड की जल विद्युत परियोजनाएं

कोटाबाग जल विद्युत परियोजना नैनीताल 200 kw
कंचौटी पिथौरागढ़ 200 kw
कुलागाड़ा पिथौरागढ़ 1200 kw
बरार पिथौरागढ़ 750 kw
छिटकिला पिथौरागढ़ 1500 kw
सप्तेश्वर पिथौरागढ़ 300 kw
छड़नदेव पिथौरागढ़ 400 kw
तालेश्वर पिथौरागढ़ 600 kw
गरांव पिथौरागढ़ 300 kw
सुरिनगाड़   पिथौरागढ़ 800 kw
गौरी चंपावत 200 kw
हर्षिल उत्तरकाशी 200 kw
थराली उत्तरकाशी 400 kw
तिलवाड़ा चमोली 200 kw
उरगम चमोली 3000 kw
सोनप्रयाग रुद्रप्रयाग 500 kw
धारचूला पिथौरागढ़ 200 kw

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