आज इस आर्टिकल में हम आपको संघ की सरकार – उपराष्ट्रपति से जुड़े तथ्य के बारे में बता रहे है.
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है.
- उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय प्रणाली द्वारा होता है.
- उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होता है.
- किंतु वह स्वेच्छा से त्यागपत्र देकर इस अवधि के पूर्व भी अपना पद छोड़ सकता है अथवा उसे राज्य सभा के कुल बहुमत द्वारा पारित प्रस्ताव से, जिसे लोकसभा की सरकार कर ले, पदच्युत किया जा सकता है.
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य नहीं होता है, मतदान का अधिकार नहीं होता है.
- राज्यसभा के सभापति के रूप में निर्णायक मत देने का अधिकार किसे प्राप्त है.
- राष्ट्रपति के रूप से अपने कर्तव्यों को पूरा करने में असमर्थ रहने के स्थान पर कार्य करता है.
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